तुझे अपनी तहरीर बना लूँ
ये जो तेरी अदाये है
इन्हें अपनी तहरीर बना लूँ।
दे के लफ्ज़ तुझे एहसासों के,
अपनी ज़ागीर बना लूँ।
मुक़म्मल नही जो जहाँ में किसी को,
तू वो एहसास है,
पल भर कर लिये ही सही,
पर तू मेरे पास है।
आ तुझे अपनी पलकों पे सजा लूँ,
इन लम्हों की एक तस्वीर बना लूँ।
ज़िक्र तेरा जब भी आया है,
मैं भावुक हो गया हूँ,
मुझे न ख़बर है के,
कब तेरा हो गया हूँ।
हर ग़म से तुझे छुपा लूँ
आ तुझे सांसो में समां लूँ।
चंचल मनवाली तेरी गोल गोल सी आँखें है,
कभी कभी तंग करने जैसी तेरी कुछ बातें है,
जिसे सारी उम्र न भूल पाऊँ,
तूने दी कुछ ऐसी यादेँ हैं।
आ तुझे यादों में बसा लूँ
तुझे अपनी तहरीर बना लूँ।
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