जहाँ रोती है मेरी मोहब्बत।
जहाँ रोती है मेरी मोहब्बत, बेवफ़ा वो तेरा ठिकाना है, लिख रहा हूँ अश्कों से जो, ये मेरा फ़साना है। जहाँ तूने किये थे मुझसे सौ वादे, जानता न था मैं तेरे इरादे, मैं तड़प रहा हूँ अब यहां, छोड़ के गये हैं तूने वो यादें। जाने का तेरा ये अच्छा बड़ा बहाना है, लिख रहा हूँ अश्कों से जो, ये मेरा फ़साना है। मेरी वफ़ा का तुने क्या सिला दिया, ग़म के दामन से है मुझको मिला दिया, ज़िन्दगी मेरी अब बिखर गई है, अपने हाथों से तूने ज़हर पिला दिया। वफ़ा का दर्द भी बड़ा सुहाना है, लिख रहा हूँ अश्कों से जो, ये मेरा फ़साना है। -दीपक कुमार