दे के पल भर का साथ
दे के पल भर का साथ अब दूर जा रहे हो, ऐसे हालात में जो तुम रुला रहे हो। कुछ लमहा हम है साथ में बिताएं, कुछ बातों को है हँसी-मज़ाक़ में उड़ाये, कुछ सीख जो तुमने दी है, और कुछ वादे जो तुमने हैं निभाये, भावनाओं की एक लहर उठा रहे हो, ऐसे सफ़र में जो तुम जा रहे हो। बरसों का हमारा साथ रहा है, कभी ख़ुशी तो कभी ग़म का बरसात रहा है, तुमने बांटे है जो कुछ पल, उस पल का ये सौगात रहा है, यादों का एक बाँध बना रहे हो, जो तुम यूँ दूर जा रहे हो। ये दुआं है हमारी की, हर तऱफ कामयाबी का मंजर हो, आप तमन्ना करो तालाब की, और वहाँ समंदर हो, खुदा करे हर वो ख़्वाब मुक़्क़मल हो, जिसे पाने की हसरत आपके अंदर हो, क्या खूब साथ निभा रहे हो, जो तुम यूँ दूर जा रहे हो।