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एक तुझे जीतकर

अनेकों बार तो मैं हृदय को तार तार आया हूँ, तुझपर अपना सारा वर्चस्व लुटा आया हूँ, अब कोई ग़म नही की मौत भी मुझे हरा दे, एक तुझे जीतकर मैं सारा जग जीत आया हूँ।                                                  -दीपक कुमार

तेरी तेरी स्लिम स्लिम सी बॉडी बेबी

तेरी स्लिम स्लिम सी बॉडी बेबी कैसे मैं भुलाऊँ, पास जब तू आये मैं तो मर जाऊं, कैसे कैसे मैं भुलाऊँ तेरी बातों को, अक्सर तेरी याद अब आती है मुझे रातों को, वो तेरी महक़ी महक़ी बाहें, वो उलझी निगाहें, तेरी फिगर क्यों बेबी मुझे इतना रिझायें, तू कहे तो लेट नाईट को, तुझे पिक उप करने आऊं, तेरी स्लिम स्लिम सी बॉडी बेबी कैसे मैं भुलाऊँ। नखरें तेरे सारे बड़े ही अजीब है, आगे वाली टर्न से मेरा घर क़रीब है, सोच ले तु सीधा घर पे जाना है, या फिर होटल में आज रात बिताना है, तेरी मर्ज़ी आज चलेगी नही, शॉर्ट्स वाली ड्रेस में आज तुझे आना है, सीधे सीधे आई लव यू आज तुझे बोलूँगा, राज़ सारे तुझपे आज मैं खोलूँगा, धीरे-धीरे पास तू बस मेरे आना, दूर जाने का और कोई ना हो बहाना, बस यही बातें मैं अब दोहराऊं, तेरी स्लिम स्लिम सी बॉडी बेबी कैसे मैं भुलाऊँ।                                              - दीपक कुमार                  Teri slim slim si body baby kaise mai bhulaun, paas jab tu aaye mai to mar jau, Kaise kaise mai bhualun teri baton ko, Aksar teri yaad aati hai ab mujhe raaton ko, Wo teri

प्रिये क्या अपनी प्रेमगाथा का अब यहीँ अंत हो जाएगा।

प्रिय, क्या अपनी प्रेमगाथा का अब यहीँ अंत हो जाएगा, जो कुछ पाया था मैंने क्या आज सब यहीं खत्म हो जाएगा, चित्रहीन सा अब मेरा सबकुछ, विकल्पों के वारों से, क्या हृदय का अब यहीं खंड हो जाएगा, प्रिये,क्या अपनी प्रेमगाथा का अब यहीं अंत हो जाएगा। तेरे प्यार से था जग मेरा निराला, तू ही मेरी प्रेम गीत, थी तू ही मेरी मधुशाला, ये आज अचानक कैसे जग फ़िर सा गया, एक दफा मैं फ़िर टूट सा गया, जैसे तेरा दामन मेरी हाथों से छूट सा गया, मन व्याकुल सा है अब चोट खाकर, उम्र भर क्या अब यही रंज रह जायेगा, प्रिये,क्या अपनी प्रेमगाथा का अब यहीं अंत हो जाएगा। कुछ पल तो तुझे इंतेज़ार करना था, थोड़ा ही सही हाँ मगर, मेरा ऐतबार तो करना था, ये निश्चय था के तेरा साथ अधूरा होगा, तय मगर ये भी नही था,के तेरा प्यार अधूरा होगा, अब जब तुम जा ही रही हो, फ़िर क्यों उन यादों को मेरे हवाले किये जा रही हो, जाओ इन्हें भी साथ लेकर जाना, फ़िर मुझे तुम कभी याद न आना, इक मैं और क्या केवल यादों का मंच रह जायेगा, प्रिये,क्या अपनी प्रेमगाथा का अब यहीं अंत हो जाएगा।                                                      

ओ बेबी तेरी पतली कमर।

ओ बेबी तेरी पतली कमर सताये मुझे शाम सहर, ओ बेबी तेरी पतली कमर। चोरी-चोरी चुपके से देखा करता हूँ, रात दिन तेरे लिए आहें भरता हूँ, माना तेरे आशिक़ हैं कई सारे लड़के, पर सच्चा वाला प्यार बस मैं ही करता हूँ। सुबह करूँ, शाम करूँ तेरी बातें मैं सबसे खुलेआम करूँ, सेटिंग मैंने सारी कर ली है, इश्क़ में तुझे थोड़ा बदनाम करूँ। क्या करूँ कुछ नही आता है नज़र, ओ बेबी तेरी पतली कमर।                  सोच लिया मैंने अब कहीं न जाना है,                  वीकेंड में प्लान तेरे संग बनाना हैं।                  KFC या Mac D, पर ये सब तो पुराना है,                  चल कहीं चलते हैं रात ये सुहाना है।                  पर बाद में न कहना के,                  बेबी जल्दी घर जाना हैं।                 कैसे-कैसे बतलाऊँ मेरे क्या-क्या अरमान हैं,                 तू ही मेरा दिल ,की तू ही मेरी जान हैं।                 रोक न मुझे तू टोक न मुझे,                 दिल मेरा हुआ आज बेईमान है।                 डर लगता है कहीं ये,हसीं रात न जा गुज़र,                 ओ बेबी तेरी पतली कमर।                 सताये मुझे