दिल आज उदास बहुत है।
ये दिल आज उदास बहुत है,
मुझे आती किसी की याद बहुत है।
ऐ बादल तू फिर कभी बरस लेना,
आज नयन बरसात बहुत है।
कब तक दबाये रखु अपने एहसासों को,
आज लिखने का जज़्बात बहुत है।
ज़िन्दगी तू क्यूँ मुझपे सितम ढा रही है,
तड़पाने को उसकी याद बहुत है।
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