शहादत
तेरी शहादत पे तो हर किसी ने आँसू बहाया है, देख तुझे याद करने का वो दिन आज आया है। देके कुर्बानी तो तू चला गया दूर हमसे, मगर हमारे लिए तूने ये आज़ाद हिंदुस्तान बनाया है। -दीपक कुमार
जीवन के हर पहलू को शब्दों में बयाँ किया जाए तो बात ही निराली है। कविता, गीत और शायरी के माध्यम से अगर जिंदगी के हर लम्हे को गूँथ दिया जाए तो एक ऐसी माला तैयार होती है जिसकी महक निरंतर फैलती ही जाती है और जो कभी पुरानी नही होती। कुछ ऐसे ही पलों को बयां करती है ये ब्लॉग, जिससे प्रेम रस परस्पर टपकता है।