ये तय हुआ था।। @https://youtu.be/0lymVTMh7Ns
साथ साथ चलना है ये तय हुआ था, इस शहर में रहना भी तय हुआ था। अब जो चले गए हो मुझे बेघर करके, एक घर मे साथ साथ रहना भी तय हुआ था। उम्मीद है तुम अपनी ख़बर देते रहोगे, जुदा होकर भी खत लिखना ये तय हुआ था। मोहब्बत में यादें सिर्फ मेरे हिस्सें ही आयी, जबकि याद तू भी करेगी ये तय हुआ था। सोचा इसबार की तेरी आख़िरी ख़त भी जला दूंगा मैं, मगर खयाल आया कि तुझे आबाद रखना भी तय हुआ था। मेरे ज़ेहन से तू आज भी जाती नही है, भुलाया मैं भी नही जाऊंगा ये तय हुआ था। बिछड़ कर जो मुझसे दूर रहने लगे हो, बगैर मेरे एक पल भी न रह पाओगे ये तय हुआ था। -दीपक कुमार